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बिहार में लैब टेक्निशियन बनने के लिए ऐसे तैयारी करें।

बिहार में लैब टेक्निशियन बनने के लिए ऐसे तैयारी करें।

बिहार में लैब टेक्निशियन बनने के लिए ऐसे तैयारी करें।

स्वास्थ्य विभाग में रोगी के रक्त, ऊतक एवं अन्य नमूनों को एकत्र कर उनका परीक्षण करने के लिए मेडिकल लैब टेक्निशयन की आवश्यकता होती है। यदि आपके पास मेडिकल लैब टेक्निशियन में डिग्री या डिप्लोमा है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में काम करने की रुचि रखते हैं तो लैब टेक्निशियन बनना आपके लिए एक बेहतरीन करियर विकल्प हो सकता है। बिहार तकनीकी सेवा आयोग भी इसके लिए लिखित परीक्षा आयोजित करता है। उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या के कारण इस परीक्षा का कठिनाई स्तर भी बढ़ा है। इसकी तैयारी के लिए असाधारण कड़ी मेहनत, समर्पण और प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है। परीक्षा की तिथि अभी तय नहीं है, इसलिए अभ्यर्थियों के पास तैयारी के लिए पर्याप्त समय है। मुख्य विषय पर मजबूत पकड़ बनाकर आप इस परीक्षा को पास कर सकते हैं।

ये होगा परीक्षा का प्रारूप

कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी)100 अंक की होगी, जिसमें 100 प्रश्न बहुविकल्पीय प्रकार के होंगे।

मेडिकल लेबोरेटरी टेक्निशियन विषय से हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रश्न पूछे जाएंगे।

परीक्षा की अवधि दो घंटे की होगी। प्रत्येक गलत उत्तर पर एक चौथाई अंक की कटौती की जाएगी।

परीक्षा में समान्य वर्ग को न्यूनतम 40, पिछड़ा वर्ग के लिए 36.5, अंत्यंत पिछड़ा वर्ग को 34, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग, महिलाओं और दिव्यांगों को 32 अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

पाठ्यक्रम पर एक नजर

शरीर रचना (एनाटॉमी)

कोशिका, ऊतक, कंकाल प्रणाली, हड्डियों की संरचना, हड्डियों के प्रकार, कपाल की हड्डियां, हड्डियों का फ्रैक्चर, जोड़ों की विभिन्न गतिविधियां, मानव शरीर में मांसपेशियों की प्रणाली, संरचना और मांसपेशियों के प्रकार, महत्वपूर्ण मांसपेशियां, परिसंचरण तंत्र, हृदय की संरचना, लसीका तंत्र, लसीका वाहिकाएं, पाचन तंत्र, जठरांत्र पथ के भाग और संबंधित ग्रंथियां, श्वसन तंत्र, मूत्र प्रणाली, अंतस्रावी तंत्र, प्रजनन प्रणाली, त्वचा और इंद्रिय अंग, तंत्रिका तंत्र।

शरीर विज्ञान (फिजियोलॉजी)

रक्त, रक्त की संरचना और कार्य, हेमोपेसिस, रक्त जमावट, रक्त समूह, शरीर का तरल पदार्थ, हृदय प्रणाली, रक्त परिसंचरण, हृदय और रक्त वाहिकाओं का कार्य, हृदय गति, नाड़ी का नियंत्रण, रक्त का मान, श्वसन तंत्र, फेफड़ों के कार्य, श्वसन का नियमन, पाचन तंत्र, मुंह, पेट और छोटी आंतों में भोजन का पाचन, उत्सर्जन तंत्र, गुर्दे और मूत्राशय की संरचना और कार्य, मूत्र निर्माण की क्रियाविधि, अंतस्रावी तंत्र, तंत्रिका तंत्र, न्यूरॉन और उसके कार्य।

रुधिर विज्ञान (हेमेटोलॉजी)

रक्त की संरचना और उसके कार्य, रक्त कोशिकाओं की उत्पत्ति एवं विकास, लाल रक्त कोशिकाएं, ल्यूकोसाइट्स और प्लेटलेट्स की गिनती की विधि, हीमोग्लोबिन के आकलन की विधि, विभिन्न लाल कोशिका सूचकांकों की गणना, अस्थि मज्जा स्लाइड और उनके धुंधला होने के तरीकों का चित्रण, रेटिकुलोसाइट्स का धुंधलापन, रक्त समूह, बुनियादी रक्त बैंकिंग प्रक्रियाएं, रक्त का भंडारण, रक्त के थक्के जमने के विकारों के लिए बुनियादी परीक्षण।

सूक्ष्मजीव विज्ञान (माइक्रोबायोलॉजी)

सूक्ष्मजीवों की संरचना, रूपात्मक भिन्नताएं और वर्गीकरण, एनारोबायोसिस के सिद्धांत एवं एनाक्रोबायोसिस कैसे प्राप्त करें, नसबंदी, सिद्धांत और अपनाई गई विभिन्न विधियां, बैक्टीरिया की रूपात्मक पहचान, प्रयोगशाला अपशिष्ट का निपटान, जैव रासायनिक परीक्षण और उसकी व्याख्या, स्टेफिलोकोकल संक्रमण का प्रयोगशाला निदान, डिप्थीरिया का प्रयोगशाला निदान, क्षय रोग का प्रयोगशाला निदान, टाइफाइड का प्रयोगशाला निदान।

सीरम विज्ञान (सीरोलॉजी)

एंटीजन और एंटीबॉडी की परिभाषा, एंटीजन और एंटीसेरा की विभिन्न प्रकार की तैयारी और संरक्षण, एंटीजन-एंटीबॉडी प्रतिक्रिया के प्रकार, डायग्नोस्टिक सीरोलॉजी-विडाल, ब्रुसेला एग्लूटिनेशन टेस्ट, वेल बेलिक्स, काहन और वासरमैन रिएक्शन, एल्डिहाइड टेस्ट, एएसओ. टिटर, एलिसा की विधियां और व्याख्या।

विषाणु विज्ञान (वायरोलॉजी)

सामान्य विषाणु विज्ञान, वायरल एजेंटों के लिए नमूनों की प्रयोगशाला जांच, वायरल रोग/शरीर स्थल एवं एजेंट और गुणवत्ता नियंत्रण आदि।

क्लिनिकल पैथोलॉजी

सूक्ष्मदर्शी, इसके विभिन्न प्रकार एवं प्रयोग, मूत्र निर्माण की फिजियोलॉजी, प्रोटीन, शर्करा, कीटोन बॉडी, पित्त लवण, पित्त वर्णक और रक्त के लिए मूत्र की रासायनिक जांच, कोशिकाओं, कास्ट क्रिस्टल की सूक्ष्म जांच, शारीरिक जांच, प्रोटोजोआ, परजीवी और हेल्मिंथिक ओवा या सिस्ट के लिए सूक्ष्म जांच, पाचन तंत्र को संक्रमित करने वाले सामान्य प्रोटोजोआ और हेल्मिंथिक का संक्षिप्त विवरण, मस्तिष्कमेरु द्रव, जलोदर, फुफ्फुस द्रव, हाइडैटिड द्रव की जांच।

ऊतक विकृति विज्ञान (हिस्टोपैथोलॉजी)

बुनियादी परीक्षण, स्तनधारी ऊतकों की वैज्ञानिक संरचना, मानव के विभिन्न प्रकार के ऊतक और अंग, हिस्टोपैथोलॉजी के लिए ऊतकों की प्राप्ति, ऊतकों का स्थिरीकरण और उनकी क्रियाविधि, डीकैल्सीफिकेशन के तरीके, ऊतकों का प्रसंस्करण, विभिन्न तकनीकें और उनका अनुप्रयोग, माइक्रोटोम का उपयोग, ऊतकों का धुंधलापन, हेमोटिओक्सिलिन और ईओसिन के धुंधलापन के तरीके, संग्रहालय के लिए नमूने का संरक्षण और माउंटिंग।

पशु देखभाल (एनिमल केयर)

सामान्य प्रयोगशाला पशु, उनके भोजन, आवास, प्रजनन, हैंडलिंग आदि के बारे में सामान्य ज्ञान, सामान्य प्रायोगिक पशुओं के लिए पिंजरे की नसबंदी, संक्रमित सामग्रियों का निपटान, पोस्टमॉर्टम और निपटान।

प्रयोगशाला प्रबंधन (लैब मैनेजमेंट)

नैदानिक परीक्षण के प्रबंधन और प्रबंधन शैली के सिद्धांत और गतिविधियां, राज्य सरकार और केंद्र सरकार में नैदानिक प्रयोगशाला अधिनियम, क्लिनोमेट्रिक का परिचय, प्रयोगशाला परीक्षण परिणामों की गुणवत्ता का प्रबंधन, प्रयोगशाला में वित्तीय प्रबंधन, नैदानिक प्रयोगशाला प्रौद्योगिकीविदों/ वैज्ञानिकों की भूमिका।

ये टिप्स भी अपनाएं

● टाइम-टेबल बनाएं लैब टेक्निशियन भर्ती परीक्षा का पाठ्यक्रम बेहद विशाल है इसलिए सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि वे सभी विषयों और टॉपिक्स को पर्याप्त समय दें। इसके लिए टाइम टेबल बनाना बेहद जरूरी है। यह आपको सभी विषयों को जल्दी से कवर करने , व्यवस्थित और केंद्रित रहने में मदद करता है। आपको पाठ्यक्रम और उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बारे में बहुत स्पष्ट होना चाहिए जिन पर आपको ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

● नोट्स बनाएं परीक्षा की तैयारी के दौरान छोटे नोट्स बनाना उपयोगी होता है। लैब टेक्निशियन भर्ती परीक्षा का सिलेबस काफी बड़ा होता है, इसलिए छोटे नोट्स महत्वपूर्ण बिंदुओं का रिवीजन करने में मदद करते हैं। नोट्स में महत्वपूर्ण लाइनों को हाइलाइट कर सकते हैं।

● रिवीजन करें विषयों का रिवीजन परीक्षा की तैयारी का एक अभिन्न अंग है। यदि आप किसी विषय का अध्ययन करते हैं, लेकिन परीक्षा हॉल में इसे याद नहीं कर पाते हैं, तो आपकी पूरी मेहनत बेकार चली जाती है। मनुष्य की अल्पकालिक स्मृति होती है। जो भी उम्मीदवार एक दिन अध्ययन करता है, वह अगले दो दिनों में उसे भूल सकता है। अधिक समय तक सूचना को बनाए रखने के लिए रिवीजन जरूरी है।

● पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करें परीक्षा की तैयारी में विगत वर्षों के प्रश्नपत्र अहम भूमिका निभाते हैं। पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को हल करने से आपको परीक्षा के पेपर में रुझानों को समझने में मदद मिलती है। आप पूछे गए प्रश्न के प्रकार और कठिनाई स्तर का विश्लेषण कर सकते हैं। परीक्षा की तैयारी की रणनीति बनाने में यह आपकी मदद करेगा।

● मॉक टेस्ट का अभ्यास करें परीक्षा की तैयारी के लिए आदर्श तरीकों में से एक मॉक टेस्ट का अभ्यास करना है। मॉक टेस्ट पिछले वर्षों में पूछे गए प्रश्नों का आकलन करके तैयार किया जाता है, जिन्हें हल करके आप अपनी तैयारी के स्तर को जांच सकते हैं। मॉक टेस्ट आपको परीक्षा पैटर्न और पूछे गए प्रश्नों से परिचित होने में भी मदद करता है। इससे आपको अपनी प्रगति को ट्रैक करने और अपने कमजोर क्षेत्रों की पहचान करने में भी मदद मिलती है।

● समय प्रबंधन जरूरी परीक्षा में समय का प्रबंधन करना महत्वपूर्ण है। उम्मीदवारों को कम समय में प्रश्नों को हल करना होता है, इसलिए परीक्षा में दिए गए सभी प्रश्नों का उत्तर समय पर देने के लिए आपको काफी अभ्यास करने की आवश्यकता होती है। यदि आपका समय प्रबंधन के कौशल में मजबूत पकड़ बना लेते हैं, तो अतिरिक्त समय का उपयोग आप उत्तरों को संशोधित करने या कठिन प्रश्नों पर ध्यान देने में कर सकते हैं।

● अध्ययन सामग्री का चयन करें परीक्षा के लिए उपयुक्त अध्ययन सामग्री और किताबें उम्मीदवारों को उचित मार्गदर्शन प्रदान करती हैं। इसलिए, विशेषज्ञों द्वारा अनुशंसित गुणवत्तापूर्ण पुस्तकों का संदर्भ लेना और ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करना सुनिश्चित करें। जिस टॉपिक को समझने में समस्या आ रही हो उस टॉपिक को आप यू ट्यूब पर सर्च कर सकते हैं।

इन बातों का भी रखें ख्याल

● एकाग्रता बनाए रखने के लिए पौष्टिक और सुपाच्य आहार खाएं। पौष्टिक भोजन से आपको शारीरिक रूप से फिट रहने में मदद मिलती है।

● नींद शारीरिक और मानसिक सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। परीक्षा की तैयारी के दौरान अभ्यर्थियों को पर्याप्त नींद लेनी चाहिए।

● प्रतिदिन सुबह व्यायाम करें, क्योंकि व्यायाम तनाव निवारक होता है, जो आपके मूड को बेहतर कर ऊर्जा के स्तर को बढ़ा देता है।

● लंबे अध्ययन सत्र के दौरान ब्रेक लेना महत्वपूर्ण है। हर 30-60 मिनट में खड़े हो जाएं, स्ट्रेच करें या थोड़ी देर बाहर टहलें।

● परीक्षा की तैयारी के दौरान सकारात्मक रहना महत्वपूर्ण होता है। सकारात्मक रवैया आपको तैयारी के दौरान केंद्रित और दृढ़निश्चयी रहने में मदद करता है।

विषयवार करें परीक्षा की तैयारी

● परीक्षा की तैयारी में पहला और सबसे आवश्यक कदम पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न से परिचित होना है। जब आप पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न को अच्छे से समझ लेते हैं तो आपको ज्ञात हो जाता है कि किन-किन विषयों से कितने प्रश्न परीक्षा में पूछे जाएंगे। यह नियम लैब टेक्निशियन भर्ती परीक्षा में भी लागू होता है। इस परीक्षा में संबंधित विषय से 100 प्रश्न पूछे जाएंगे, जिसमें प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा। निर्धारित समय के भीतर प्रश्नों का उत्तर देना महत्वपूर्ण है, इसलिए इस प्रश्न पत्र को दो घंटे या उससे कम समय में समाप्त करने का प्रयास करें।

चयन प्रक्रिया

लिखित परीक्षा और अनुभव के आधार पर योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।

मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड (एमपीईएसबी) में ग्रुप-4 के 956 पदों पर सीधी भर्ती।

Rupesh Kumar

रूपेश कुमार: शिक्षा विशेषज्ञ और लेखक के विषय में। रूपेश कुमार एक समर्पित शिक्षाविद् और लेखक हैं, जिनके पास शिक्षा के क्षेत्र में वर्षों का अनुभव है। उन्होंने शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर गहन अध्ययन और शोध किया है, और अपने ज्ञान को छात्रों और सहकर्मियों के साथ साझा करने में विश्वास रखते हैं। रूपेश ने शिक्षा की प्रभावी विधियों, शिक्षण तकनीकों और छात्र विकास पर कई लेख और पुस्तकें लिखी हैं। उनका उद्देश्य शिक्षा को सभी के लिए सुलभ और रोचक बनाना है, ताकि हर छात्र अपनी पूरी क्षमता को प्राप्त कर सके। इस वेबसाइट पर नौकरी और शिक्षा से संबंधित जानकारी दी जाती है। यह सरकारी वेबसाइट नहीं है। Facebook profile URL https://www.facebook.com/profile.php?id=100008285203586

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