बिहार विधानसभा में सुरक्षा प्रहरी बनने के लिए गणित और सामान्य अध्ययन की ऐसे तैयारी करें।
बिहार विधान सभा सचिवालय में परिसर की सुरक्षा और व्यवस्थाओं को संभालने का जिम्मा सुरक्षा प्रहरी का होता है। उनके कर्तव्यों में सतर्कता, ईमानदारी और कानून को बनाए रखने की प्रतिबद्धता शामिल हैं। बिहार विधान सभा सचिवालय में सुरक्षा प्रहरी भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। अगर आप भी इसमें नौकरी पाने के इच्छुक हैं तो आपको इसके लिए निर्धारित योग्यता और शर्तों को पूरा करना पड़ेगा। इस भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का भी आयोजन किया जाता है। परीक्षा की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। गणित और सामान्य अध्ययन जैसे विषयों की तैयारी कर आप इस परीक्षा को उत्तीर्ण कर सकते हैं।
विषयवार करें परीक्षा की तैयारी
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से समझना आवश्यक है। इससे आपको विषयों को प्राथमिकता देने और उसके अनुसार समय आवंटित करने में मदद मिलती है। इससे यह भी पता चल जाता है कि परीक्षा में किस तरह के सवाल पूछे जाएंगे। बिहार विधानसभा सुरक्षा प्रहरी भर्ती परीक्षा में गणित और सामान्य अध्ययन विषयों से 100 प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रश्न पत्र को दो घंटे में हल करना होता है। प्रत्येक विषय की तैयारी के लिए विशिष्ट रणनीतियों की आवश्यकता होती है। विषयवार तैयारी युक्तियां नीचे दी गई हैं।
गणित (मैथमैटिक्स)
इस क्षेत्र में अपना स्कोर सुधारने के लिए, आपको अच्छी गति के साथ-साथ अपनी गणना कौशल में भी सुधार करना होगा। गणित सेक्शन के प्रश्नों को हल करने के लिए, प्रासंगिक सूत्रों, कुछ शॉर्टकट तकनीकों आदि को याद रखना आवश्यक है। उन्हें सही ढंग से हल करने के लिए सभी प्रकार के ग्राफ (रेखा, तालिका, बार, आदि) का अभ्यास करें। परीक्षा में इस सेक्शन से 50 प्रश्न पूछे जाएंगे। इस सेक्शन को 60 मिनट या उससे कम समय में समाप्त करने का प्रयास करें।
सामान्य अध्ययन (जनरल स्टडीज)
सुरक्षा प्रहरी भर्ती परीक्षा में सामान्य अध्ययन एक स्कोर बूस्टर सेक्शन होगा। समसामयिक मामलों, सामान्य जागरुकता, सरकारी योजनाओं पर ध्यान दें। अपने ज्ञान का परीक्षण करने के लिए बहुविकल्पीय प्रश्नों को अधिक से अधिक हल करने का अभ्यास करें। परीक्षा में इस सेक्शन से भी 50 प्रश्न पूछे जाएंगे। इस सेक्शन को भी 60 मिनट या उससे कम समय में ही समाप्त करना होगा।
शरीरिक मानक परीक्षण
● लंबाई : पुरुषों के लिए 167.5 सेंटीमीटर और महिलाओं के लिए 154.6 सेंटीमीटर।
● सीना (सिर्फ पुरुषों के लिए) : 76.5 सेंटीमीटर (फुलाने पर 81 सेंटीमीटर)
● वजन : लंबाई और आयु के अनुपात में चिकित्सा मानकों के अनुसार हो।
परीक्षा का प्रारूप
● लिखित परीक्षा 100 अंकों की होगी, जिसमें 100 प्रश्न बहुविकल्पीय प्रकार के होंगे।
● प्रश्न पत्र में गणित और सामान्य अध्ययन विषयों से 50-50 प्रश्न पूछे जाएंगे।
● प्रश्न-पत्र अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में होगा।
● परीक्षा की अवधि दो घंटेकी होगी।
शारीरिक दक्षता परीक्षा
● शारीरिक दक्षता परीक्षा 100 अंकों की होगी।
● 1.6 किलोमीटर की दौड़ पुरुषों को छह मिनट में और 01 किलोमीटर की दौड़ महिलाओं को छह मिनट में पूरी करनी होगी।
● दौड़ पांच मिनट में पूरी करने पर 100 अंक मिलेंगे।
● पांच मिनट से अधिक एवं पांच मिनट 20 सेंकेंड तक 80 अंक मिलेंगे।
● पांच मिनट 20 सेकेंड से अधिक एवं पांच मिनट 40 सेकेंड तक 60 अंक मिलेंगे। पांच मिनट 40 सेकेंड से अधिक एवं छह मिनट तक 40 अंक मिलेंगे।
इन पुस्तकों का अध्ययन करें
● क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड फॉर कॉम्पटेटिव एग्जामिनेशंस, लेखक : आरएस अग्रवाल
● फास्ट ट्रैक ऑब्जेक्टिव अंकगणित, लेखक : राजेश वर्मा
● सामान्य ज्ञान पुस्तक, लेखक : मनोहर पांडे
● सामान्य ज्ञान : लुसेंट पब्लिकेशन
चयन प्रक्रिया
शारीरिक मानक परीक्षण, लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षा, दस्तावेज सत्यापन और चिकित्सा परीक्षण के आधार पर योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।
परीक्षा की तैयारी के लिए ये टिप्स भी अपनाएं
● प्रभावी अध्ययन योजना बनाएं : परीक्षा में बहुत ही उच्चस्तर की प्रतिस्पर्धा होती है, इसलिए कम्पटीशन में आगे रहने के लिए अभ्यर्थियों को एक प्रभावी अध्ययन योजना बनाना चाहिए। एक अच्छी तरह से संरचित कार्यक्रम यह सुनिश्चित करता है कि आप सभी आवश्यक विषयों को कवर कर लें और आपके पास पुनरीक्षण के लिए पर्याप्त समय हो। पूरे पाठ्यक्रम को प्रबंधनीय भागों में बांट लें। सबसे पहले उन विषयों से अपनी शुरुआत करें जो आपको सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण लगते हैं।
● संक्षिप्त नोट्स बनाएं : बिना उचित नोट्स बनाए सिलेबस को गुणवत्ता के साथ कवर नहीं किया जा सकता है। परीक्षा से पहले रिवीजन के समय संक्षिप्त नोट्स आपकी मदद करते हैं, इसलिए पुस्तकें पढ़ने के बाद महत्वपूर्ण अवधारणाओं के लिए एक पंक्ति में संक्षिप्त नोट्स बनाएं। नोट्स एक उचित प्रारूप में बनाए जाने चाहिए ताकि उम्मीदवारों के लिए इसे याद रखना और पुन: प्रस्तुत करना आसान हो। नोट्स सरल और उद्देश्य को हमेशा ध्यान में रखकर तैयार करने चाहिए।
● सीमित अध्ययन सामग्री रखें : किसी भी नई अध्ययन सामग्री या किताब से विचलित न होना काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। परीक्षा के सभी सेक्शन के पाठ्यक्रम को कवर करने के लिए सही अध्ययन सामग्री चुननी होगी। क्योंकि पुस्तकें आपको सही दिशा में निर्देशित करती हैं, साथ ही परीक्षा की तैयारी बेहतर ढंग से करने में आपकी मदद करती हैं। संपूर्ण पाठ्यक्रम को कवर करने के लिए अनुशंसित पुस्तकों, सबसे महत्वपूर्ण रूप से एनसीईआरटी की पुस्तकों का उपयोग करें। परीक्षा की तैयारी में आप ऑनलाइन संसाधनों की मदद ले सकते हैं।
● नियमित रिवीजन करें : रिवीजन परीक्षा की तैयारी का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। जो अभ्यर्थी परीक्षा से पहले कई बार सभी विषयों का रिवीजन पूरा कर लेता है, वह बहुत अच्छा स्कोर प्राप्त कर सकता है। इसलिए, सलाह दी जाती है कि परीक्षा की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण सभी विषयों का अध्ययन करने के बाद उन्हें रिवाइज करें। नियमित रिवीजन आपको उन अवधारणाओं को लंबे समय तक याद रखने में मदद करता है जिनका आपने अध्ययन किया है।
● समय प्रबंधन पर फोकस करें : समय प्रबंधन जिंदगी के हर पड़ाव पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। किसी भी काम के लिए एक समय निर्धारित करना और उसे अपने निर्धारित समय पूरा करना बहुत जरूरी होता है। इस परीक्षा के लिए भी टाइम को मैनेज करना बहुत जरूरी है। इसलिए परीक्षा में दिए गए सभी प्रश्नों का उत्तर समय पर देने के लिए काफी अभ्यास करने की आवश्यकता होती है। आपको अध्ययन, प्रैक्टिस और मॉक टेस्ट के लिए समय निकालना होगा।
● समसामयिक घटनाओं का अध्ययन करें : करंट अफेयर्स प्रतियोगी परीक्षा का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। लिखित परीक्षा में ही करंट अफेयर्स के प्रश्न पूछे जाते हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समसामयिक घटनाओं से खुद को अपडेट रखने के लिए आप नियमित तौर पर दैनिक समाचार पत्र पढ़ सकते हैं। प्रतियोगी परीक्षा के लिए उम्मीदवार को समाचार पत्र पढ़ने की आदत विकसित करनी चाहिए। साथ ही उम्मीदवारों को मासिक पत्रिका भी पढ़ने की सलाह दी जाती है।
● पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों को हल करें : यदि पिछली भर्तियों के प्रश्नपत्र उपलब्ध हैं, तो उनको हल करें। इससे आपको परीक्षा के पैटर्न और पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकार को समझने में भी मदद मिलती है। साथ ही यह भी अंदाजा हो जाएगा कि परीक्षा में किस तरह के प्रश्न पूछे जाते हैं और कौन से टॉपिक से ज्यादा प्रश्न पूछे जाते हैं और कौन से टॉपिक से कम प्रश्न आते हैं।
● मॉक टेस्ट जरूरी : परीक्षा की तैयारी के स्तर का मूल्यांकन करने में मॉक टेस्ट काफी मदद करते हैं। सिलेबस को कवर करने के बाद मॉक टेस्ट का प्रैक्टिस किया जाना चाहिए। अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करें और सुधार के लिए कमजोर क्षेत्रों की पहचान करें। मॉक टेस्ट के बाद विश्लेषण एक जरूरी अभ्यास है। अच्छे प्रदर्शन से उत्साह नहीं आना चाहिए और खराब प्रदर्शन से निराशा नहीं होनी चाहिए। बस अपने आप को लगातार बेहतर बनाने की दौड़ में दौड़ें।
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