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बैंक में क्रेडिट ऑफिसर बनने के लिए ऐसे करें तैयारी अपनी रणनीति पर खास तौर से ध्‍यान दें।

बैंक में क्रेडिट ऑफिसर बनने के लिए ऐसे करें तैयारी अपनी रणनीति पर खास तौर से ध्‍यान दें।

बैंक में क्रेडिट ऑफिसर बनने के लिए ऐसे करें तैयारी अपनी रणनीति पर खास तौर से ध्‍यान दें।

बैंकों को ऋण आवेदन तैयार करने, ग्राहकों की वित्तीय जानकारी का मूल्यांकन करने और जोखिम अनुपात की गणना के लिए क्रेडिट ऑफिसर की आवश्यकता होती है। यह पद बैंकिंग क्षेत्र में सबसे अधिक मांग वाले पदों में से एक है। क्रेडिट ऑफिसर की नियुक्ति के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया भी परीक्षा आयोजित करता है। यह परीक्षा बैंकिंग की कई महत्वपूर्ण परीक्षाओं में से एक मानी जाती है।

इसमें लिखित परीक्षा और साक्षात्कार शामिल हैं। चयन प्रक्रिया में आगे बढ़ने के लिए उम्मीदवारों को प्रत्येक चरण में अर्हता प्राप्त करना अनिवार्य है। परीक्षा की तिथि अभी तय नहीं है। इसलिए अभ्यर्थियों के पास तैयारी के लिए पर्याप्त समय है। अंग्रेजी भाषा पर मजबूत पकड़ बनाकर साक्षात्कार के द्वार तक पहुंचा जा सकता है।

विषयानुसार करें परीक्षा की तैयारी

सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में क्रेडिट ऑफिसर भर्ती परीक्षा ऑनलाइन आयोजित होगी। इसमें अंग्रेजी भाषा, मात्रात्मक रुझान, तर्क क्षमता और सामान्य जागरुकता से 120 प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसमें प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होता है। इसके अलावा अंग्रेजी भाषा में पत्र लेखन और निंबध के दो प्रश्न वर्णात्मक प्रकार के होते हैं। इनमें से प्रत्येक विषय की तैयारी के लिए विशिष्ट रणनीतियों की आवश्यकता होती है। विषयवार तैयारी युक्तियां नीचे दी गई हैं।

● अंग्रेजी भाषा (इंग्लिश लैंग्वेज) : बैंकिंग से जुड़े क्षेत्र में नौकरी करने के लिए अंग्रेजी भाषा की जानकारी होना आवश्यक है। यह एक स्कोरिंग सेक्शन है। परीक्षा में इस सेक्शन से 30 प्रश्न पूछे जाएंगे। अंग्रेजी के प्रश्नों को हल करने के लिए अंग्रेजी व्याकरण की समझ जरूरी है, क्योंकि अधिकतर प्रश्न त्रुटि ढूंढ़ने के प्रारूप में पूछे जाते हैं। वोकेबुलरी पर भी विशेष ध्यान दें। इसमें सुधार के लिए डिक्शनरी की मदद ले सकते हैं। शब्दावली और भाषा की समझ को बेहतर बनाने के लिए समाचार पत्रों, पत्रिकाओं या किसी अन्य स्रोत को पढ़ना शुरू करें। व्याकरण के नियमों को सीखने और उनकी समीक्षा करने का प्रयास करें।

● तर्क क्षमता (रीजनिंग एबिलिटी) : किसी परिस्थिति का आकलन करना और उचित परिणाम निकालना तर्क क्षमता कहलाता है। तार्किक क्षमता परीक्षाओं का मूल लक्ष्य किसी उम्मीदवार की पैटर्न, संख्यात्मक अनुक्रम, कनेक्शन और रूपों को समझने की क्षमता का आकलन करना है। इस क्षेत्र में प्रश्नों को हल करने के लिए ठोस विश्लेषणात्मक कौशल की आवश्यकता होती है। परीक्षा में इस सेक्शन से 30 प्रश्न पूछे जाएंगे। निर्धारित समय के भीतर प्रश्नों का उत्तर देना महत्वपूर्ण है। इसलिए इस सेक्शन को 25 मिनट या उससे कम समय में समाप्त करने का प्रयास करें।

● मात्रात्मक रुझान (क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड) : परीक्षा में इस सेक्शन से 30 प्रश्न पूछे जाते हैं। यह सेक्शन मुख्य रूप से डेटा इंटरप्रिटेशन के बारे में है। उम्मीदवार की संख्याओं के साथ उसके कौशल व जानकारी होने की क्षमता जांचने के उद्देश्य से प्रश्न तैयार किए जाते हैं। इस क्षेत्र में अपना स्कोर सुधारने के लिए गणित में मजबूत पकड़ बनाएं। उम्मीदवारों को गणना में तेज होना चाहिए क्योंकि इससे समय की बचत होती है। इस सेक्शन को 25 मिनट या उससे कम समय में समाप्त करने का प्रयास करें। गणित के प्रश्नों को हल करने के लिए, प्रासंगिक सूत्रों, कुछ शॉर्टकट तकनीकों आदि को याद रखना आवश्यक है।

● सामान्य जागरुकता (जनरल अवेयरनेस) : अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाओं में सामान्य जागरुकता से कुछ प्रश्न अवश्य होते हैं, जो समसामयिक मामलों पर आपकी पकड़ का परीक्षण करते हैं। यह खंड जितना व्यापक है, उतना ही स्कोरिंग भी। इसका उद्देश्य उम्मीदवारों के सामान्य अध्ययन का टेस्ट करना होता है। इस सेक्शन से भी 30 प्रश्न पूछे जाएंगे। इस विषय में अधिक अंक पाने के लिए प्रतियोगी पुस्तकें और एनसीईआरटी की किताबें पढ़ें। नियमित समाचार पत्र पढ़ें और न्यूज चैनल्स देखें। इससे आपको राजनीतिक, आर्थिक और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के सवालों का जवाब देने में मदद मिलेगी। इस सेक्शन को 15 मिनट या उससे कम समय में समाप्त करने का प्रयास करें।

ये सात टिप्स भी आएंगें काम

अध्ययन योजना बनाएं : प्रतियोगी परीक्षा में उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा होती है, इसलिए कॉम्पटीशन में आगे रहने के लिए प्रभावी अध्ययन योजना बनाना आवश्यक है। उम्मीदवार को मालूम होना चाहिए कि हर सेक्शन के लिए कितना समय निकाला जाए, परीक्षा होने से पहले इसका अभ्यास करना चाहिए। उम्मीदवार प्रत्येक सेक्शन की तैयारी के लिए समान समय समर्पित करें और परीक्षा के समय तक कोई भी विषय तैयार करने के लिए न बचे।

संक्षिप्त नोट्स तैयार करें : किसी भी परीक्षा की तैयारी के लिए संक्षिप्त नोट्स बनाना काफी अहम होता है। इससे आपकी लेखन में सुधार आता है। साथ ही संबंधित विषय बहुत ही आसानी से लंबे समय तक याद भी रहता है। आप नोट्स में किसी भी सवाल को अपनी भाषा में लिख सकते हैं, जिससे बाद में उन सवालों को आप आसानी पढ़ और याद कर सकते हैं। इसलिए प्रत्येक अध्याय को समाप्त करने के बाद महत्वपूर्ण बिंदुओं को एक कापी में नोट कर लेना चाहिए।

टाइम टेबल बनाकर पढ़ें : पढ़ाई का टाइम टेबल एक सुविधाजनक और आसान सा रास्ता है जो आपको अपने पढ़ने के समय पर नियंत्रण रखने में सहायता प्रदान करता है। यदि आप भी इस परीक्षा में सफल होना चाहते हैं तो टाइम टेबल बनाकर पढ़ाई करना बेहतर होगा। अच्छी तैयारी के लिए एक दिन में न्यूनतम आठ घंटे पढ़ाई बेहद जरूरी है। आप क्षमता के अनुसार इस समय को बढ़ा सकते हैं। टाइम टेबल में सभी विषयों को बराबर समय दें। कमजोर विषयों को अधिक समय दें।

पिछले वर्ष के प्रश्न पत्र हल करें : पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल किए बिना परीक्षा की तैयारी अधूरी रहेगी। इसलिए पुराने प्रश्न पत्रों को देखना बहुत ही आवश्यक है। पुराने प्रश्न पत्रों को हल करने से उम्मीदवारों को उनके कमजोर बिंदुओं और टाइम मैनेजमेंट स्किल का अंदाजा लगाने में मदद मिलती है। इससे प्रश्न को हल करने की गति और सटीकता में सुधार होगा। साथ ही इससे आपको इस बात का भी पता चलेगा कि हर साल किस तरह के सवाल अधिक पूछे जाते हैं।

नियमित रिवीजन करें : प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए विषयों के नियमित रिवीजन की आवश्यकता होती है। रिवीजन आपके ज्ञान को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब आपको लगे कि आपकी तैयारी पूरी हो गई है तो विषयों का अच्छी तरह से रिवीजन करें। इसके लिए समय निर्धारित कर लें। याद रखने की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण अवधारणाओं, सूत्रों और अभ्यास प्रश्नों की समीक्षा करें।

मॉक टेस्ट से अभ्यास करें : परीक्षा की बेहतर तैयारी में मॉक टेस्ट अहम भूमिका निभाते हैं। यह आपको परीक्षा प्रारूप को समझने, समय प्रबंधन में सुधार करने और आपकी ताकत और कमजोरियों की पहचान करने में मदद करते हैं। परीक्षा के माहौल को अनुकूल बनाने के लिए नियमित रूप से मॉक टेस्ट का प्रयास करें। अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करें। यह आपके आत्मविश्वास को भी बढ़ाएगा।

समय प्रबंधन जरूरी : बैंकिंग परीक्षाओं में समय प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। परीक्षा के दौरान प्रभावी ढंग से समय का प्रबंधन कैसे किया जाए, इसका विचार होना चाहिए। उम्मीदवारों को दिए गए समय सीमा के भीतर प्रश्नों को हल करने की आदत विकसित करनी चाहिए ताकि उनकी गति और सटीकता में सुधार हो सके। किसी विशेष प्रश्न पर बहुत अधिक समय केंद्रित न करें।

पाठ्यक्रम

● सामान्य अंग्रेजी (जनरल इंग्लिश) : रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन, अनडिस्कवर्ड पैसेज, क्लोज टेस्ट, पैरा जम्बल्स, एरर स्पॉटिंग, स्पेलिंग एरर, सेंटेंस करेक्शन, फिल इन द ब्लैंक्स, पाटर्स ऑफ स्पीच, सिनोनिम्स, एंटोनिम्स, इडियम्स एंड फ्रेजेज, वोकेबुलरी, ग्रामर, आर्टिकल्स, सिंगुलर, प्लूरल, टेंस, वर्ब, एडवर्ब, आर्टिकल्स, सेंटेंस रिअरेजमेंट, वर्ल्ड यूसेज, वन वर्क सब्सटीट्यूशन, सेंटेस स्ट्रक्चर मेकिंग।

● तर्क क्षमता (रीजनिंग एबिलिटी) : वर्णमाला/ संख्या/ प्रतीक शृंखला, चित्र शृंखला, समानता, युक्ति वाक्य, इनपुट-आउटपुट, कोडिंग-डिकोडिंग, ब्लड रिलेशन, वर्णमाला परीक्षण, सीरीज टेस्ट, रैंकिंग और समय, कारण और प्रभाव, दिशा परीक्षण, बैठने की व्यवस्था, निर्णय लेना, दिशा-निर्देश, कथन और धारणा, दावा और कारण, कथन और निष्कर्ष, शब्दों की बनावट, पहेली, दर्पण छवियां, घड़ियां और कैलेंडर।

● मात्रात्मक रुझान (क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड) : संख्या प्रणाली, लघुत्तम और महत्तम, दशमलव, प्रतिशत, लाभ और हानि, साधारण ब्याज, चक्रवृद्धि ब्याज, समय और कार्य, समय, गति और दूरी, नाव और धारा, औसत, अनुपात और समानुपात, मिश्रण और आरोप, सरलीकरण, साझेदारी, क्रम परिवर्तन और संयोजन, डाटा व्याख्या, क्षेत्रमिति, वर्ग और घन, वर्गमूल और घनमूल, द्विघातीय समीकरण।

● सामान्य जागरुकता (जनरल अवेयरनेस) : करंट अफेयर्स, वैज्ञानिक अनुसंधान, भौतिकी, जीव विज्ञान, पर्यावरण, भारतीय अर्थव्यवस्था, भारत और विश्व का भूगोल, भारतीय इतिहास एवं संस्कृति, खेल, राजनीति, रसायन शास्त्रत्त्, भारत का संविधान, पुस्तकें और लेखक, महत्वपूर्ण तिथियां, राष्ट्रीय आय, बजट की अवधारणा, सरकार की योजनाएं और नीतियां, बैंकों के कार्य, वित्त आयोग, वित्तीय और रेल बजट, केंद्र सरकार का राजस्व, आर्थिक योजना, बैंकों के प्रकार, आरबीआई और उसकी मौद्रिक नीति, भारत में पूंजी बाजार, भारत में मुद्रा बाजार।

● परीक्षा की तैयारी के लिए ऊर्जावान रहना अति आवश्यक है, इसके लिए भरपूर नींद और पर्याप्त आहार अवश्य लें। इससे आप सदैव स्वस्थ महसूस करेंगे।

● जितना हो सके सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखें। तैयारी के लिए अपने लक्ष्य पर कायम रहें। एक बेहतर लक्ष्य आपकी सफलता अवश्य ही सुनिश्चित करेगा।

● अच्छी तैयारी के लिए तनाव लेने से बचें। अपने लिए वक्त निकालें और अपनी हॉबी को पूरा करें। कुछ देर टहलें और व्यायाम भी करें।

● परीक्षा की तैयारी के लिए आप आठवीं से 12वीं तक की एनसीआरटी की पुस्तकें पढ़ें, इससे आपको बहुत ही ज्यादा फायदा होगा।

● शंकाओं को दूर करने और दूसरों के अनुभवों से सीखने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की मदद लें।

इन पुस्तकों का अध्ययन करें

● इंग्लिश ग्रामर एंड कम्पोजिशन, लेखक : रेन एंड मार्टिन

● ऑब्जेक्टिव इंग्लिश ग्रामर, लेखक : एसपी बख्शी

● वर्बल एंड नॉनवर्बल रीजनिंग, लेखक : आरएस अग्रवाल

● ए न्यू एप्रोच टू रीजनिंग: बीएस सिजवाली एवं इंदु सिजवाली

● सरल अंकगणित, लेखक : आरएस अग्रवाल

● क्वांटीटेटिव एप्टीट्यूड, लेखक : दिनेश खट्टर

● बैंकिंग जागरुकता : अरिहंत प्रकाशन

● जनरल नॉलेज : लुसेंट पब्लिकेशन

चयन प्रक्रिया

● लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।

परीक्षा का प्रारूप

● लिखित परीक्षा कुल 120 अंकों की होगी, जिसमें 120 प्रश्न बहुविकल्पीय प्रकार के होंगे।

● प्रश्न पत्र में अंग्रेजी, तर्क क्षमता, मात्रात्मक रुझान और सामान्य जागरुकता से 30-30 प्रश्न होंगे।

● परीक्षा अवधि 90 मिनट की होगी। परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं होगी।

● प्रारम्भिक परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को ही मुख्य परीक्षा में बैठने दिया जाएगा।

● अंग्रेजी में पत्र लेखन और निंबध की परीक्षा 30 अंक की होगी, जिसमें दो प्रश्न वर्णात्मक प्रकार के होंगे।

● परीक्षा अवधि 30 मिनट की होगी। परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा।

● साक्षात्कार 50 अंक का होगा।

इन केंद्रों में होगी परीक्षा

उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद, नोएडा/ग्रेटर नोएडा, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, प्रयागराज, वाराणसी, दिल्ली एनसीआर, फरीदाबाद, उत्तराखंड में देहरादून, बिहार में भागलपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पटना, झारखंड में धनबाद, जमशेदपुर, रांची, हजारीबाग आदि।

महत्वपूर्ण लिंक

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Rupesh Kumar

रूपेश कुमार: शिक्षा विशेषज्ञ और लेखक के विषय में। रूपेश कुमार एक समर्पित शिक्षाविद् और लेखक हैं, जिनके पास शिक्षा के क्षेत्र में वर्षों का अनुभव है। उन्होंने शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर गहन अध्ययन और शोध किया है, और अपने ज्ञान को छात्रों और सहकर्मियों के साथ साझा करने में विश्वास रखते हैं। रूपेश ने शिक्षा की प्रभावी विधियों, शिक्षण तकनीकों और छात्र विकास पर कई लेख और पुस्तकें लिखी हैं। उनका उद्देश्य शिक्षा को सभी के लिए सुलभ और रोचक बनाना है, ताकि हर छात्र अपनी पूरी क्षमता को प्राप्त कर सके। इस वेबसाइट पर नौकरी और शिक्षा से संबंधित जानकारी दी जाती है। यह सरकारी वेबसाइट नहीं है। Facebook profile URL https://www.facebook.com/profile.php?id=100008285203586

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