संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा की ऐसे तैयारी करें।

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा की ऐसे तैयारी करें।

सामान्य अध्ययन पर पकड़ मजबूत बनाएं सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) हर साल सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है। यह परीक्षा सिर्फ अभ्यर्थियों के ज्ञान और व्यक्तित्व का ही नहीं बल्कि उनके धैर्य, साहस और जुझारूपन का भी परीक्षण करती है।

इस परीक्षा का पहला चरण प्रारंभिक परीक्षा है। इसे यूपीएससी प्रीलिम्स के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष यह परीक्षा 25 मई को प्रस्तावित है। परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत के साथ-साथ सही कार्य योजना की भी आवश्यकता होती है। सामान्य अध्ययन (जीएस) पर अपनी पकड़ मजबूत बनाकर आप इस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

■ विषयवार करें परीक्षा की तैयारी: प्रारंभिक परीक्षा को क्लियर करने के लिए उसका पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न समझना आवश्यक होता है। यह आपके सफलता के राह को आसान कर देती है, क्योंकि इससे यह पता चल जाता है कि आपको क्या पढ़ना है और कितना पढ़ना है। प्रत्येक विषय की तैयारी के लिए विशिष्ट रणनीतियों की आवश्यकता होती है । विषयवार तैयारी युक्तियां नीचे दी गई हैं।
■ सामान्य अध्ययन – 1 : परीक्षा में इस विषय का उद्देश्य उम्मीदवारों के सामान्य अध्ययन का टेस्ट करना होता है। यह प्रश्न पत्र 200 अंक का होता है, जिसमें 100 प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके लिए समसामयिक घटनाक्रम, इतिहास, भूगोल, भारतीय राजनीति, पर्यावरण और पारिस्थितिकी, कला एवं संस्कृति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, अर्थशास्त्र एवं सामाजिक विकास, सरकारी योजनाओं और हालिया घटनाक्रमों पर ध्यान दें।
■ सामान्य अध्ययन-2 (सी सैट) : यह प्रश्न पत्र भी प्रारंभिक परीक्षा का हिस्सा है। यह प्रश्न पत्र आपकी योग्यता, तार्किक तर्क, समझ और निर्णय लेने के कौशल का आकलन करने पर केंद्रित है। यह पेपर 200 अंक का होता है, जिसमें 100 प्रश्न पूछे जाएंगे। इस प्रश्न पत्र में न्यूनतम 33% अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।
परीक्षा के दौरान इन 10 बातों का ध्यान रखें 1. आंसर शीट मिलने के बाद उसमें दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ लें। नियत स्थान पर अपना अनुक्रमांक, हस्ताक्षर तथा अन्य सूचनाओं को अंकित कर दें।
■ प्रश्न पत्र मिलते ही प्रश्नों को हल करना शुरू न करें बल्कि उसके महत्त्वपूर्ण निर्देशों को पढ़ें। संभव है कि उन निर्देशों में कोई महत्त्वपूर्ण सूचना मिल जाए।
■ संपूर्ण प्रश्नपत्र को एक बार सरसरी निगाह से देखने के बाद पुनः समय व्यवस्थित करें जिससे प्रश्नपत्र पूरा करने समय कम न पड़े।
■ पहले आसान या अपने पसंदीदा खंड से संबंधित प्रश्नों को ही हल करें, इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
■ जिन प्रश्नों को हल नहीं कर पाते हैं उन्हें टिक मार्क कर छोड़ दें। बचे हुए समय में उन्हें हल करने का प्रयास करें। 6. उत्तर की समीक्षा करने और त्रुटियों को ठीक करने के लिए बाद में अपना कुछ समय बचाकर रखें।
■ दिमाग में जो जवाब पहले आता है उसे तब तक न बदलें जब तक कि आप को यकीन न हो जाए कि वह गलत है। 8. ओएमआर शीट पर गलत गोला भर जाने पर उत्तर को मिटाने के लिए रबर, ब्लेड या फ्लूड का इस्तेमाल न करें। 9. अटेंडेंस शीट पर अपने हस्ताक्षर करें तथा अपने आंसर शीट पर निरीक्षक के हस्ताक्षर अवश्य करवाएं। 10. प्रथम प्रश्नपत्र की समाप्ति के पश्चात प्रश्नों को लेकर माथापच्ची न करें। अगले पेपर की तैयारी में जुट जाएं।
अध्ययन योजना बनाएं : तीन महीनों को साप्ताहिक और दैनिक कार्यक्रम में विभाजित करें। प्रत्येक विषय और
पुनरीक्षण के लिए समय स्लॉट आवंटित करें। अपनी तैयारी को अधिकतम करने के लिए उच्च महत्व वाले विषयों पर ध्यान केंद्रित करें। इतिहास, भूगोल और राजनीति जैसे विषयों में ठोस आधार के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ें। पाठ्यक्रम को अच्छी तरह से समझें और प्रत्येक विषय के लिए प्रमुख विषयों की पहचान करें ।
नोट्स बनाएं : बिना उचित नोट्स बनाए सिलेबस को गुणवत्ता के साथ कवर नहीं किया जा सकता है। नोट्स
एक उचित प्रारूप में बनाए जाने चाहिए ताकि उम्मीदवारों के लिए इसे याद रखना और पुनः प्रस्तुत करना आसान हो । नोट्स बहुत भारी नहीं होने चाहिए, इसलिए नोट्स का उद्देश्य हमेशा ध्यान में रखना चाहिए ।
ये टिप्स भी अपनाएं

नियमित रिवीजन करें : प्रीलिम्स का सिलेबस काफी बड़ा और बिखरा होता है। कवरेज से अधिक महत्वपूर्ण

संपूर्ण सिलेबस को रिवाइज करना है, इसलिए रिवीजन उचित और समयबद्ध होना चाहिए। सिलेबस के कवरेज और कवर किए गए हिस्से के रिवीजन में एक अच्छा संतुलन बना होना चाहिए । 
रिवीजन करने से अभ्यर्थी भूले हुए टॉपिक्स भी ध्यान कर लेते हैं और अपनी तैयारी को औरों से बेहतर कर लेते हैं
पिछले वर्षों के पेपर की मदद लें : पिछले वर्ष के पेपर तैयारी के लिए रडार की तरह होने चाहिए जो आपकी तैयारी को
दिशा प्रदान करते हैं। आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने के अलावा पिछले वर्ष के पेपर आपके मानसिक दृष्टिकोण को बनाने में मदद करते हैं। यह आपके विकल्पों को खत्म करने में भी आपकी मदद करता है।
मॉक टेस्ट जरूरी : परीक्षा की तैयारी के स्तर का मूल्यांकन करने में मॉक टेस्ट काफी मदद करते हैं। सिलेबस को कवर करने के बाद मॉक टेस्ट का प्रैक्टिस किया जाना चाहिए। अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करें और के सुधार लिए कमजोर क्षेत्रों की पहचान करें। मॉक टेस्ट के बाद विश्लेषण एक जरूरी अभ्यास है। अच्छे प्रदर्शन से उत्साह नहीं आना चाहिए और खराब प्रदर्शन से निराशा नहीं होनी चाहिए। बस अपने आप को लगातार बेहतर बनाने की दौड़ में दौड़ें |
सीमित अध्ययन सामग्री रखें : किसी भी नई अध्ययन सामग्री या किताब से विचलित न होना काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। संपूर्ण पाठ्यक्रम को कवर करने के लिए अनुशंसित पुस्तकों या एनसीईआरटी की पुस्तकों का उपयोग करें। 

उम्मीदवारों को अपनी तैयारी इस तरह से पूरी करनी चाहिए कि वे परीक्षा पैटर्न के आदी हो जाएं।

किताबें सोच समझकर ही चुनें : परीक्षा की तैयारी को अक्सर लोग किताबों के भंडार से जोड़ लेते हैं जो गलत है। तैयारी के लिए आपको सिर्फ बेसिक बुक्स पर ही भरोसा करना चाहिए क्योंकि इनमे ही लगभग पूरा सिलेबस कवर हो जाता है। 
इसलिए अपना फोकस सबसे पहले एनसीईआरटी को पूरा कवर करने में लगाएं। कक्षा 6 से 12 तक की एनसीईआरटी की पुस्तकों को पढ़कर आप आसानी से एनसीईआरटी को पूरा कवर कर सकते हैं।
परीक्षा के दिन ये करें

■ 5 से 7 घंटे की नींद लेने के बाद परीक्षा वाले दिन प्रातः 5-6 बजे तक उठ जाना चाहिए।

■ स्नान आदि के बाद अच्छा और सुपाच्य नाश्ता करें । परीक्षा उपयोगी समस्त सामग्रियों और संक्षिप्त नोट्स को व्यवस्थित कर लें ।
■ परीक्षा केंद्र में नियत समय से आधा घंटा पहले पहुंचना सुनिश्चित करें। समय हो तो संक्षिप्त नोट्स को सरसरी नजर से देख लें।
■ परीक्षा कक्ष में यदि जरा भी तनाव महसूस हो तो पानी पीयें और गहरी सांस लें। नकारात्मक विचारों को लेशमात्र भी हावी न होने दें।
■ खुद पर भरोसा रखें। पूर्ण आशावादी रहते हुए प्रसन्नता के साथ प्रश्नपत्र को हल करें।
परीक्षा का प्रारूप

■ प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होंगे और सभी प्रश्न बहुविकल्पीय प्रकार के होंगे।

■ सामान्य अध्ययन – 1 प्रश्न पत्र 200 अंक का होगा, जिसमें 100 प्रश्न होंगे।
■ सामान्य अध्ययन – 2 (सीएसएटी) प्रश्न पत्र भी 200 अंक का होगा, जिसमें 80 प्रश्न होंगे।
■ दोनों प्रश्न पत्रों में गलत उत्तर के लिए एक तिहाई अंक की कटौती की जाएगी।
■ दोनों प्रश्न पत्रों की परीक्षा अवधि दो-दो घंटे की होगी। सामान्य अध्ययन – 2 (सीएसएटी) पेपर क्वालीफाइंग प्रकृति का होगा।
■ प्रारंभिक परीक्षा कट-ऑफ की गणना सामान्य अध्ययन- 1 के आधार पर की जाएगी।
■ प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ही मुख्य परीक्षा में बैठने की अनुमति होगी।
■ प्रारंभिक चरण के अंक अंतिम मेरिट में नहीं जोड़े जाएंगे।
■ चयन प्रक्रिया : लिखित परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।
परीक्षा भवन में इन बातों का रखें ध्यान

परीक्षा भवन में हर परीक्षार्थी की अपनी रणनीति होती है, लेकिन अनुभव की कमी (नए परीक्षार्थी) एवं बार-

बार गलती दोहराने की प्रवृत्ति (पुराने परीक्षार्थी) के चलते अधिकांश परीक्षार्थी अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। प्रारंभिक परीक्षा में सारा दारोमदार पेपर-1 यानी सामान्य अध्ययन पर होता है। मेरिट लिस्ट सामान्य अध्ययन वाले प्रश्नपत्र के आधार पर ही बननी है, इसलिए पेपर-1 में क्या और कैसे करना है, इस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।सीसैट प्रश्नपत्र को क्वालीफाइंग बना दिए जाने के बावजूद हर वर्ष हज़ारों की संख्या में छात्र असफल हो जाते हैं, इसलिए इस क्वालीफाइंग पेपर को अभ्यर्थियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए । अतः परीक्षार्थियों को यह सलाह दी जाती है कि परीक्षा भवन में प्रवेश करने से पहले सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के द्वितीय प्रश्नपत्र (सीसैट) के लिये भी एक मुकम्मल रणनीति बनाकर ही जाएं।

पेपर-1 यानी सामान्य अध्ययन की परीक्षा अवधि में समय प्रबंधन की है। वैसे तो समय-प्रबंधन जीवन के हर क्षेत्र में इंसान की बेहतरी के लिए आवश्यक है। चूंकि ‘परीक्षा’ निश्चित समय-सीमा में अपने ज्ञान – कौशल के प्रदर्शन का ही दूसरा नाम है, इसलिये समय-प्रबंधन परीक्षा का अनिवार्य पहलू है ।
प्रारंभिक चरण के प्रश्नों की प्रकृति इतनी गहरी और विकल्प इतने जटिल होते हैं कि अंत में समय-प्रबंधन खुद एक चुनौती बन जाता है। 
इस चुनौती से निपटने का एक तरीका यह है कि सर्वप्रथम वही प्रश्न हल किये जाएं जो परीक्षार्थी की ज्ञान की सीमा के दायरे में हों । जिन प्रश्नों के उत्तर पता न हों या जिन पर उधेड़बुन हो, उन्हें निशान लगाकर छोड़ देना चाहिए। अंत में समय बचे तो उनका उत्तर देने की कोशिश करें, वरना उन्हें छोड़ देने में ही भलाई है।
परीक्षा से एक दिन पहले ये करें

■ सकारात्मक सोच बनाए रखें : परीक्षा की चिंता के वशीभूत होकर परीक्षा प्रदर्शन को कम या खराब कर लेना सफल छात्रों का लक्षण कदापि नहीं हो सकता है। दबाव से निपटने तथा परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिये आशावादी चिंतन, सकारात्मक अभिवृत्ति, संतुलित आहार, व्यायाम, योग तथा पूरी नींद लेना आदि ज़रूरी हैं। परीक्षा से एक दिन पहले उन्हें अनावश्यक तनाव के बजाय सकारात्मक सोच बनाए रखनी चाहिए।
■ बहुत ज्यादा पढ़ाई से बचें : सिविल सेवा परीक्षा के लिए पढ़ाई की कोई सीमा तय नहीं है। अतः कोई भी पढ़ाई इस लिहाज से अंतिम या परिपूर्ण नहीं हो सकती है। इसलिए अभ्यर्थियों को समझना चाहिए कि परीक्षा से एक दिन पहले अत्यधिक पढ़ाई करने की बजाय अगले दिन होने वाली परीक्षा के 2 घंटे में क्या रणनीति हो, उस पर गंभीरता से विचार करें।
इन पुस्तकों का अध्ययन करें :

■ भारतीय राजव्यवस्था, लेखक : एम. लक्ष्मीकांत भारत के संविधान का परिचय, लेखक : डीडी बसु भारतीय कला और संस्कृति, लेखक : नितिन सिंघानिया 
■ प्रमाणपत्र भौतिक और मानव भूगोल : गोह चेंग लियोंग भारतीय अर्थव्यवस्था, लेखक : रमेश सिंह
■ आधुनिक भारत का इतिहास, लेखक : विपिन चंद्रा विश्व इतिहास, लेखक : नार्मन लोवे प्राचीन भारत, लेखक : आरएस शर्मा
■ मध्यकालीन भारत का इतिहास, लेखक : सतीश चंद्र 
■ भारत का भूगोल, लेखक : माजिद हुसैन विज्ञान और प्रौद्योगिकी, लेखक : शीलवंत सिंह
■ विश्व का इतिहास, लेखक : कुमार नलिन
■ पर्यावरण, लेखक : डीआर खुल्लर
■ भारत का इतिहास, लेखक : के. कृष्ण रेड्डी
■ भारत में आर्थिक विकास और नीतियां : जैन और ओहरी
■ ऑक्सफोर्ड स्कूल एटलस (भूगोल), ऑक्सफोर्ड प्रकाशन इंडिया ईयर बुक (करंट अफेयर्स)
■ कक्षा 6 से 12वीं तक की एनसीईआरटी पुस्तकें 
■ सामान्य ज्ञान ( लुसेंट)

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